वास्तु में वायव्य कोण?
वायव्य कोण में क्या करें और क्या न करें?
वायव्य कोण में क्या हो-
- घर में जल भण्डारण हेतु सभी टंकियां इस स्थान पर रखने का निर्देश प्राप्त होता है।
1.
- यह स्थान मेहमानों का कक्ष, आगंतुक कक्ष (ड्राइंग रूम) के लिए उत्तम है।
- यहां विवाह योग्य कन्या का कमरा बहुत अच्छा माना गया है।
- यहां किरायेदारों का कमरा होना बहुत लाभकारी होता है।
- अन्न भण्डार, स्टोर के लिए भी यह स्थान ठीक है।
- यहां वाहन व पशु का स्थान आदि बनाना शास्त्र सम्मत है।
- घर में काम करने वाले कर्मचारी का स्थान भी उपयुक्त होता है।
- वायव्य की चारदिवारी को मोटा और ऊंचा बनाये।
- इस स्थान पर निर्माण होना आवश्यक है अत: इसे निर्मित रखें।
- सीढ़ियां बनाने का सबसे उपयुक्त स्थान होता है।
- यहां संयुक्त परिवार में बड़े बेटे का स्थान उत्तम है।
वायव्य कोण में क्या न हो-
- वायव्य कोण को खुला न रखें।
- यहाँ पर बड़े बुजुर्गों का कमरा न बनवायें। मानसिक तनाव व मनोस्थिति ख़राब हो जाती है।
- इस स्थान को कभी खाली न रखें अन्यथा दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ता है।
- वायव्य को ईशान से नीचे कदापि न रखें। ऐसा करने पर शत्रुता और रोग से ग्रस्त रहेंगे।
- वायव्य दिशा में कुआं या गड्ढा न बनवाएं।
- यहां सेप्टिक टैंक ना बनवाएं।
- यहां बिजली का मीटर न लगाये।
-यहाँ अग्नि से सम्बन्धीत कोई भी कार्य न करें।
डा.मुकेश ओझा
No comments:
Post a Comment