1, महाश्मशान क्षेत्र 2, आनंदवन 3, काशी 4, वाराणसी 5, बनारस।
~ॐ~
भोलेनाथ ने जब एक नगर का निर्माण किया तब वह श्मशान था,अतः उसे महाश्मशान क्षेत्र भी कहते हैं। एवं जब उस नगर मे रहने लगे तब वह आनन्दवन बन गया। पृथ्वी के जिस क्षेत्र को भगवान शिव अपने त्रिशूल पर धारण किए वही काशी कहलाया, काशी का विस्तार वरुणा और असी नाम कि दो नदियों के मध्य है अतः वह काशी वाराणसी कहलाया, अब भगवान शिव द्वारा निर्मित इस नगर का रस सदैव बना रहता है अतः इसे बनारस कहते हैं।
जय हो! बाबा विश्वनाथ की हर हर महादेव।
-डॉ मुकेश ओझा
ज्योतिष एवं आध्यात्मिक सलाहकार
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