Saturday, January 5, 2019

प्रार्थना एक तरफा संवाद है।

#प्रार्थना
प्रार्थना एक तरफा संवाद है।
वही प्रार्थना कर सकता है, जो प्रत्युत्तर न मांगता हो।
प्रार्थना में यही तो एक खास बात है:
क्योंकि प्रार्थना मे उत्तर थोड़े ही आएगा। आप कहोगे:
हे प्रभु! और वहां से कोई नहीं बोलेगा, कि हां जी,कहिए क्या आज्ञा है? क्या बात है। कोई उत्तर कभी न आएगा। अगर आपने उत्तर की आकांक्षा रखी तो प्रार्थना असंभव हो जाएगी।

प्रार्थना वही कर सकता है जो उत्तर मांगता ही नहीं, जो कहता है: मुझे तो प्रार्थना करने में ही उत्तर मिल गया।  मुझे जो कहना था मैं कहा और मुझे संतुष्टि मिलती गई, मुझे वह मिल गया जो मुझे चाहिए।

प्रार्थना में बड़ा बल होता है, आपने ध्यान दिया आप प्रार्थना करते हैं और आपका मन स्थिर होने लगता है। धीरज बधने लगता है। और एक अदृश्य शक्ति महसूस होने लगता है।
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-डॉ मुकेश ओझा
ज्योतिष एवं आध्यात्मिक सलाहकार
।।मनुर्भव।।

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