Monday, May 11, 2020

इस आपत्ति काल में परमात्मा कोई चमत्कार क्यों नहीं दिखाता?

👉इस आपत्ति काल में परमात्मा कोई चमत्कार क्यों नहीं दिखाता?
👉क्या इस महामारी में ईश्वर को रक्षा करने नहीं आना चाहिए?

👆इस प्रकार के अनेकों प्रश्न आजकल लोग हमसे पूछ रहे हैं । और इस प्रकार के प्रश्न सोशल मीडिया पर भी खुब प्रचारित हो रहा है।
🙏
इस प्रकार के अनेकों प्रश्नों का उत्तर इस श्लोक से प्रारंभ कर देता हूँ।
नाप्राप्तकालो  म्रियेत  विद्ध:  शरशतैरपि। 
कुशाग्रैरपि संविद्ध:प्राप्तकालो न जीवति।।
अर्थात्-  सैकड़ों बाणों से विद्ध व्यक्ति जीवित बच जाता है और कुश चुभने से भी लोग मर जाते हैं। बिना मृत्यु कोई नहीं मरता।
क्या कोई डाॅक्टर शत प्रतिशत दावा कर सकता है कि मैं इस व्यक्ति को कोई रोग नहीं होने दूंगा या इसको अमुक आयु तक जीवित रहने का गारंटी देता हूँ। इस रोगी को मै 100% ठीक कर दूंगा।
नहीं हमें तो ऐसा कोई नहीं मिला आपको मिला हो तो बताएँ। 
अस्तु!
रोग होने पर हम दवा खाते रहते है और डाॅक्टर को दिखाते रहते हैं। कभी कभी एक ही बार दवा खाने पर ठीक हो जाते हैं, तो कभी महीनों, वर्षों तक दवा खाते हैं और डाॅक्टर बदलते हैं तब भी स्वस्थ नहीं होते। 
👉आपने विचार किया ऐसा आखिर क्यों होता है?
परमात्मा मानव ही नहीं अपितु सभी जीव जन्तु वनस्पति और समस्त सजीव निर्जीव का उत्पत्ति कर्ता संरक्षक और नष्ट कर्ता है।
इस समय इस पृथ्वी पर कोरोना नामक महामारी जो आई है इस माहामारी का निर्माता मानव है। यह महामारी नही प्रकृति के साथ खिलवाड का प्रतिफल है।
और यदि प्रकृति के नियमों के विरूद्ध कार्य करना मानव बंद नही किया तो प्रकृति मानवों का रक्षा नही करेगी अपितु मानवों का नाश करेगी।
👉परमात्मा रक्षा करने के लिये तभी आएँगें जब हम परमात्मा के आदेशों का पालन करेगें।
👉 यदि आप नीचे लिखें कार्यों को नहीं करते तो परमात्मा आपकी रक्षा अवश्य कर रहा है।
आप निश्चिन्त हो कर परमात्मा का स्मरण करें।
👉यदि आप निचे लिखें मानव विरोधी कार्यों मे संलिप्त हैं तो आपका विनास आपके कर्मों से स्वतः हो जाएगा।
👉मांसाहार
👉झूठ 
👉चोरी[भ्रष्टाचार(घूसलेना)]
👉नित्य प्रकृति को विभिन्न प्रकार से नष्ट पहुचाना।
👉इन्द्रिय संयम नही रखना 

ध्यान रखें दुष्टों के साथ कुछ अच्छे लोगों को भी कष्ट उठाना पडता है।
जैसे गेहूँ के साथ घून का पीस जाना।
 

No comments:

Post a Comment