पं. मदन मोहन मालवीय जी द्वारा रचित यह प्रार्थना हमें। बचपन से ही प्रेरित किया है।
प्रार्थना
सब देवन के देव प्रभु सब जग के आधार।
दृढ राखौ मोहि धर्म में, बिनवौ बारंबार।
सतचित आनंद धन प्रभु सर्व शक्ति आधार।
धन बल जन बल धर्म बल दिजे सूख संसार।।
पाप दीनता दरिद्रता और दासता पाप ।
प्रभु दिजे स्वाधीनता मिटे सकल संताप।।
जाके मन प्रभु तुम बसो, सो डर कासो खाय।।
सिर जावे तो जाय प्रभु, किन्तु धर्म न जाय।।
उठो धर्म के काज मे उठो देश के काज ।
दीनबन्धु तब नाम ले नाथ राखियों लाज।।
संग्रहकर्ता - डॉ. मुकेश ओझा
Sunday, July 2, 2017
प्रार्थना - सब देवन के देव प्रभु सब जग के आधार..
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