Thursday, August 10, 2017

नक्षत्रों के अनुसार पेड़ ,बगीचा ,बाटिका लगायें?

अपने -अपने नक्षत्रों के अनुसार "पेड़ " लगायें।

-ग्रहों की शांति हेतु- पूजा -पाठ ,यज्ञ हवन में विशेष प्रजाति के पल्लव {टहनी } पुष्प ,फूल ,फल ,काष्ट{समिधा }की आवश्यकता पड़ती है ,जो कि नवग्रह एवं नक्षत्रों से सम्बंधित पौधे ही होतें हैं । आज मै आपके.  साथ डॉ. मुकेश ओझा के विचारों से अवगत कराता  हूँ
पुराणों के अनुसार जिस नक्षत्र वा ग्रह से आप प्रभावित हो उस समय उस नक्षत्र से सम्बन्धी पौधे का यत्नपूर्वक संरक्षण तथा पूजन से ग्रह की शांति होती है तथा जातक को मनोवांछित फल मिलता है ।।.    
----क्यों न हमलोग --अपनी सुख समृधि के लिए - अपने -अपने नक्षत्रों के अनुसार पेड़ ,बगीचा ,बाटिका लगायें?--ध्यान दें अपने -अपने नक्षत्र  को अगर जानते हैं तो दी गई जानकारी से पेड़ अपने -अपने घर में या घर के सामने लगाएं वही लाभ मिलेगा जो पूजा -पाठ या रत्नों से मिलता है ! समस्त प्रकार के पेड़ -पौधें प्रत्येक शहर की नर्सरी में प्रायः उपलब्ध रहते हैं या आपके तनिक से प्रयास से उपलब्ध हो सकते हैं । ।
{1 }-अश्विनी ---का -पेड़ =--कुचिला
{2}-भरणी----का पेड़ -----आंवला
{3 }-कृतिका -का पेड़ ---गूलर
{4 }-रोहिणी --का पेड़ -जामुन
{5 }-मृगशिरा का पेड़ = बांस.
{7 }-पुनर्वसु ----का पेड़ -----खैर
{6}}-आर्द्रा-----का पेड़ ---शीशम.
{8 }-पुष्य -----का पेड़ ---पीपल
{9 }-आश्लेषा -का पेड़ --नागकेसर
{10 }-मघा---का पेड़ --बरगद
{11 }-पुर्वा फाल्गुनी---का पेड़ --ढ़ाक
{12 }-उत्तरी फाल्गुनी का पेड़ ---पाकड़ 
{13 }-हस्त ---रीठा
{14 }-चित्रा------वेळ
{15 }-स्वाती ------अर्जुन.
{16 }-विशाखा ---कटाई.
{17 }-अनुराधा ---मौलश्री. 
{18 }-ज्येष्ठा-----चीड़का पेड़ .
[19 }-मूल --का पेड़ --साल.
{20 }-पूर्वाषाढा--का पेड़ -जलवेतस.
{21 }-उत्तराषाढा ----का पेड़ =कटहल
{22 }-अभिजित{ xxx}
{23 }-श्रवण --का पेड़ =-मदार.
{24 }-शतभिषा --का पेड़ -कदम्ब.
{25 }-पूर्वा भाद्रपद ---का पेड़ -आम.
{26 }-उत्तरा भाद्रपद --का पेड़ --नीम.
{27 }--रेवती --का पेड़ ---महुआ.------

नोट --उक्त नक्षत्रों के पौधे हैं जो आप --ग्रह जनित दोषों के निवारणार्थ सरलता से पौधे {रोप }लगा सकते हैं । ग्रह ,नक्षत्रों के पौधों का उल्लेख ,पौराणिक ज्योतिष ,आयुर्वेदिक ,तांत्रिक व् अन्य  ग्रंथों में मिलता है --इनमें से प्रमुख ग्रन्थ हैं --
{१}-नारद पुराण{२}-ज्योतिष ग्रन्थ हैं --नारद संहिता {३}-आयुवेदिक ग्रन्थ --राज निघंट वृहत धू श्रुत नारायणी संहिता {४}-तांत्रिक ग्रन्थ -शारदा तिलक ,मन्त्रमहार्णव ,श्री विद्यार्नव तंत्र आदि {५} अन्य ग्रंथ---आनादाश्रम प्रकाशन ,वनस्पति ---अध्यात्म ,नक्षत्र वृक्ष आदि ।।.-
मै आप सभी सज्जनों से आशा करता हूँ कि यदि ज्योतिष की बात जनहित और देश हित में है तो बृक्षों को अवश्य लगाए।
आपका ज्योतिषी ।। डॉ. मुकेश ओझा।।
आप सदा आनन्दित रहें।

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