पूरा वन्दे मातरम् इस प्रकार है:
वंदे मातरम् ।
सुजलां सुफलां मलयजशीतलाम्
स्यश्यामलां मातरम् ।
शुभ्रज्योत्स्नापुलकितयामिनीं
फुल्लकुसुमितद्रुमदलशोभिनीं
सुहासिनीं सुमधुर भाषिणीं
सुखदां वरदां मातरम् ॥
वंदे मातरम् ।
कोटि-कोटि-कण्ठ-कल-कल-निनाद-कराले,
कोटि-कोटि-भुजैधृत-खरकरवाले,
अबला केन मा एत बले ।
बहुबलधारिणीं नमामि तारिणीं
रिपुदलवारिणीं मातरम् ॥
वंदे मातरम् ।
तुमि विद्या, तुमि धर्म
तुमि हृदि, तुमि मर्म
त्वं हि प्राणाः शरीरे
बाहुते तुमि मा शक्ति
हृदये तुमि मा भक्ति
तोमारई प्रतिमा गडि मन्दिरे-मन्दिरे मातरम् ॥
वंदे मातरम् ।
त्वं हि दुर्गा दशप्रहरणधारिणी
कमला कमलदलविहारिणी
वाणी विद्यादायिनी, नामामि त्वाम्
कमलां अमलां अतुलां सुजलां सुफलां मातरम् ॥
वंदे मातरम् ।
श्यामलां सरलां सुस्मितां भूषितां
धरणीं भरणीं मातरम् ॥
वंदे मातरम् ।
वंदे मातरम् । [ हे माँ तुझे प्रणाम ] सुजलां सुफलां मलयजशीतलाम् [(सुजलाम = सुजल (पानी) से भरी हुई ; सुफलाम् = फलों से भरी हुई ; मलयज का मतलब है मलय (जो की केरल के तट का नाम है ).. मलयज शीतलाम से यहाँ मतलब ये है की हे माँ तुम,जिसे मलय से आती हुई शीतल हवा ठंडा करती है...कवी भारत माँ की विभिन्न विशिष्टताओं का वर्णन कर रहा है ]
स्यश्यामलां मातरम् । [सस्य का मतलब होता है उपज/खेती/फ़सल....... श्यामला का मतलब श्याम से है अर्थात गेहरा रंग.... स्यश्यामलां का मतलब ये है की हे माँ तुम जो फसल से ढकी रहती हो ]
शुभ्रज्योत्स्नापुलकितयामिनीं [शुभ्रय + ज्योत्सना + पुलकित + यामिनी; शुभ्र =चमकदार ; ज्योत्सना =चन्द्रमा की रौशनी (चांदनी );पुलकित = अत्यधिक खुश/रोमांचित ; यामिनी =रात्रि। ..... पूरे वाक्यांश का मतलब है : वो जिसकी रात्रि को चाँद की रौशनी शोभायमान करती है ]
फुल्लकुसुमितद्रुमदलशोभिनीं [फ़ुल्ल + कुसुमित + द्रुम + दल+शोभिनी ; फ़ुल्ल = खिले हुए ; कुसुमित =फूल ; द्रुम =वृक्ष ; दल = समूह ; शोभिनीं = शोभा बढ़ाते हैं। ........ पूरे वाक्यांश का मतलब है : वो जिसकी भूमि खिले हुए फूलों से सुसज्जित पेड़ों से ढकी हुई है ]
सुहासिनीं सुमधुर भाषिणीं [सुहासिनीं = सदैव हंसने वाली ; सुमधुर भाषिनी = मधुर भाषा बोलने वाली ]
सुखदां वरदां मातरम् ॥ [सुखदां = सुख देने वाली ; वरदां = वरदान देने वाली ]
वंदे मातरम् ।
कोटि-कोटि-कण्ठ-कल-कल-निनाद-कराले, [ एक कोटि का मतलब होता है 7 करोड़.... कंठ = गला ; कल कल = जैसे बहती हुई जलधारा की मधुर ध्वनि ; निनाद = गुनगुनाहट; कराले =आवाज़। ......... पूरे वाक्यांश का अर्थ है: 7 करोड़ कंठ मधुर ध्वनि से (तेरी प्रशंसा में ) आवाज़ कर रहे हैं ]
कोटि-कोटि-भुजैधृत-खरकरवाले, [ भुजै धृत = भुजाओं में निकली हुई ; खर= धारदार ; करवाल = तलवार ......... पूरे वाक्यांश का अर्थ है: करोड़ों(2 x 7= 14 करोड़ ) हाथों में तेरी रक्षा के लिए धारदार तलवारें निकली हुई है ]
अबला केन मा एत बले । [ माँ तुझसे किसने कहा कि तु अबला है ]
बहुबलधारिणीं नमामि तारिणीं [बहुबलधारिणीं = बहुत बल धारण किये हुए/बहुत शक्तिशाली ; नमामि = में प्रणाम करता हूँ ; तारिणीं= तारण करने वाली/बचाने वाली ]
रिपुदलवारिणीं मातरम् ॥ [रिपु = शत्रु इसलिए रिपुदल = शत्रुओं का दल ; वारिणी = रोकने वाली........ पूरे वाक्यांश का अर्थ है: हे माँ तू जो शत्रुओं को रोकने वाली /समाप्त करने वाली है ]
वंदे मातरम् ।
तुमि विद्या, तुमि धर्म [ तुम्हीं विद्या हो , तुम्हीं धर्म हो ]
तुमि हृदि, तुमि मर्म [ तुम्हीं हृदय , तुम्हीं तत्व ]
त्वं हि प्राणाः शरीरे [ तुम्हीं शरीर में स्थित प्राण हो ]
बाहुते तुमि मा शक्ति [ हमारी बाँहों में जो शक्ति है वो तुम ही हो ]
हृदये तुमि मा भक्ति [ हृदय में जो भक्ति है वो तुम ही हो ]
तोमारई प्रतिमा गडि मन्दिरे-मन्दिरे मातरम् ॥ [ जो हर मंदिर में हम प्रतिमा स्थापित करते हैं वो तुम्हारी ही है ]
वंदे मातरम् ।
त्वं हि दुर्गा दशप्रहरणधारिणी [ तुम ही दस अस्त्र धारण किये हुए दुर्गा हो ]
कमला कमलदलविहारिणी [ कमला = लक्ष्मी जी ; तुम ही कमल पर आसीन लक्ष्मी हो ]
वाणी विद्यादायिनी, नामामि त्वाम् [ तुम वाणी एवं विद्या देने वाली (सरस्वती) हो , तुम्हें प्रणाम ]
कमलां अमलां अतुलां सुजलां सुफलां मातरम् ॥ [ कमलां = धन देने वाली देवी /लक्ष्मी ; अमलां = अति पवित्र ; अतुलां = जिसकी कोई तुलना न हो ; सुजलां =जल देने वाली ; सुफलां = फल देने वाली]
वंदे मातरम् ।
श्यामलां सरलां सुस्मितां भूषितां [ श्यामलां = श्याम वर्ण की ; सरलां = अति सरल(कपट रहित ); सुस्मितां = सदैव मधुर हंसती हुई ; भूषितां = भूषित ]
धरणीं भरणीं मातरम् ॥ [ धारणी = धारण करने वाली / रखने वाली ; भरणीं = भरण (पालन पोषण करने वाली ) ]
वंदे मातरम् ।
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