👉🌼'क्या'
वेद मन्त्रों के वास्तविक अर्थ को बताना सम्भव है?
🌻🌺🌼🌻🌺🌼
🌼प्रिय आत्मन! नमो नमः
हम शब्दों का अपने ढंग से अर्थ लगा लेते हैं। मानव बहुत चालाक है, वह प्रत्येक शब्दों को अपने ढंग से अर्थ लगाता है।
और मानव का यहीं महत्वपूर्ण गुण भी है और आज मानव के लिये यह अभिशाप बन गया है।
मानव अपने बुद्धि के बल पर वेदों के अर्थों को समझता है और व्याख्या करता है।
जो वेदों के शब्दों को अर्थ लगाकर समझता है मैं सही सही अर्थ लगा लिया, वहीं वह चुक कर जाता है। क्योंकि वेद केवल शब्दों के ढेर नहीं, वेद मंत्र अपने शब्दों में आध्यात्म का रस, विज्ञान का प्रकाश, इतिहास का मर्म, और हृदय के उद्गार सहीत मालूम नहीं क्या क्या समेटे हुए हैं।
हमसे पूछें तो मैं यही कहूँगा वेद ही नहीं किसी शब्द या भाव को ठिक ठिक तभी समझा जा सकता हैं जब उसी अवस्था को प्राप्त किया जाय जिस अवस्था में कहने वाले ने कहाँ।
वेद मन्त्रों को ऋषियों ने कहा।
और ऋषि उसे कहते हैं जो आत्म ज्ञानी हो, अतः वेद मन्त्रों को आत्म ज्ञानी हुए बिना, अर्थ लगाना तो बेमानी होगी।
अतः आप सब स्वयं प्रबुद्ध हैं।
वेद के विषय में अधिक टिप्पणी उचित नहीं।
🌼वेद पढ़ो! 🌼ध्यान करों!🌼 प्रबुद्ध बनों!
🌼🌻मनुर्भव🌼🌻
🌻🌼नमो नमः। 🌼🌻
-डॉ मुकेश ओझा
ज्योतिष एवं आध्यात्मिक सलाहकार
Friday, October 11, 2019
वेद मन्त्रों के वास्तविक अर्थ को बताना सम्भव है?
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