👉सर्वोत्तम प्रार्थना मौन है।
👉जीवन का सबसे महत्त्वपूर्ण निर्णय हमेशा मौन मे ही घटित होता है।
👉प्रातःकाल पढा हूआ शीघ्र याद हो जाता है।
क्योंकि हम रातभर मौन रहते हैं।
👉यदि परमात्मा के पद चाप का अनुभव करना हो तो मौन के अलावा और कोई दूसरा मार्ग नही है।
मौन मे ही आत्मज्ञान घटित होता है। जीवन मे परमात्मतत्व मौन मे ही प्रगट होता है।
आज सपरिवार मौन धारण करने वाले महान सन्त के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
👉परमात्मा तो केवल हृदय का आवाज सूनता है।
और हृदय से आवाज तब निकलता है जब आप मौन हो जाते हैं।
👉जिसको मौन का बोध प्रगाढ हो जाता है, या जो परम मौन कि अवस्था को प्राप्त करता है उसे "मुनि" कहते हैं।
👉यदि आपको मौन होना नहीं आता तो यथा शीघ्र सीख लें।
क्योंकि यह आपके आनन्द का मार्ग है।
👉स्मरणशक्ति बढ़ाये
रट के याद न करे सिर्फ पढ़े जी हाँ शान्तचित्त होकर पढने से कोई भी विषय वस्तु शीघ्र एवं स्थाई रूप से याद हो जाता है।
👉मौन रहना एक साहस का कार्य है।
वे सभी कार्य साहस के हैं, जो आत्मबोध को जागृत करते हैं।
👉मै कोई भी कार्य करता हूँ।
आनंदित होने के लिए अतः सफलता, असफलता मुझे प्रभावित नहीं करता।
आप भी एक बार करके देखें।
जीवन आनंद है।
Monday, October 21, 2019
मौन
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