Thursday, October 17, 2019

बुद्ध का धर्म

#बुद्ध_का_धर्म
बुद्ध जिस धर्म के थे उसको कभी त्यागा नहीं। बुद्ध स्वयं हिन्दू थे। हिन्दू धर्म मे एक आश्रम है संन्यास आश्रम जो जीवन का अंतिम आश्रम है। बुद्ध स्व-अनुभव से दुःख को समाप्त करने के लिए इसी आश्रम को सर्वोत्तम स्थान दिया है। और घूम-घूम कर लोगों को संन्यास लेने का उपदेश दिए एवं संन्यासी बनाए।
बुद्ध इतने अधिक लोगों को संन्यासी बनाये की उनके द्वारा बनाए गये संन्यासी बौद्ध कहलाने लगे।
बुद्ध का और संन्यास का मजाक न बनाएँ। यदि बुद्ध को समझ लिये अहिंसा आपका धर्म हो गया, संन्यासी हो गये, तब आप बौद्ध हैं। अन्यथा पाखण्डी से अधिक कुछ नहीं।
अतः जो बुद्ध का संन्यासी नही वह बौद्ध भी नही।
मनुर्भव
-डॉ मुकेश ओझा
ज्योतिष एवं आध्यात्मिक सलाहकार

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