Wednesday, December 2, 2020
एकलव्य का अंगूठा कटवाना धनुर्विद्या से वंचित करना या गुरु द्रोण का वरदान? वास्तविकता पढ़िए 👉
Saturday, November 21, 2020
वाहन क्रय करने का शुभ मुहूर्त
Saturday, October 24, 2020
राहुकाल
राहुकाल दिन में एक मुहूर्त (४८ मिनट) की अवधि होती है जो अशुभ मानी जाती है। यह स्थान और तिथि के साथ अलग अलग होता है, अर्थात अलग अलग स्थान के लिए राहुकाल बदलता रहता है। यह अंतर समयक्षेत्र में अंतर के कारण होता है। मान्यता अनुसार किसी भी पवित्र, शुभ या अच्छे कार्य को इस समय आरंभ नहीं करना चाहिए। राहुकाल प्रायः प्रारंभ होने से दो घंटे तक रहता है। पौराणिक कथाओं और वैदिक शास्त्रों के अनुसार इस समय अवधि में शुभ कार्य आरंभ करने से बचना चाहिए |
राहुकाल सप्ताह के सातों दिन में निश्चित समय पर लगभग ९० मिनट तक रहता है। इसे अशुभ समय के रुप मे देखा जाता है और इसी कारण राहु काल की अवधि में शुभ कर्मो को यथा संभव टालने की सलाह दी जाती है। राहु काल अलग-अलग स्थानों के लिये अलग-अलग होता है। इसका कारण यह है की सूर्य के उदय होने का समय विभिन्न स्थानों के अनुसार अलग होता है। इस सूर्य के उदय के समय व अस्त के समय के काल को निश्चित आठ भागों में बांटने से ज्ञात किया जाता है। सप्ताह के प्रथम दिवस अर्थात सोमवार के प्रथम भाग में कोई राहु काल नहीं होता है। यह सोमवार को दूसरे भाग में, शनिवार को तीसरे भाग, शुक्रवा को चौथे भाग, बुधवार को पांचवे भाग, गुरुवार को छठे भाग, मंगलवार को सातवे तथा रविवार को आठवे भाग में होता है। यह प्रत्येक सप्ताह के लिये निश्चित रहता है।
इस गणना में सूर्योदय के समय को प्रात: ०६:०० ( भा.स्टै.टा) बजे का मानकर एवं अस्त का समय भी सांयकाल ०६:०० बजे का माना जाता है। इस प्रकार मिले १२ घंटों को बराबर आठ भागों में बांटा जाता है। इन बारह भागों में प्रत्येक भाग डेढ घण्टे का होता है। हां इस बात का ध्यान रखा जाता है कि वास्तव में सूर्य के उदय के समय में प्रतिदिन कुछ परिवर्तन होता रहता है और इसी कारण से ये समय कुछ खिसक भी सकता है। अतः इस बारे में एकदम सही गणना करने हेतु सूर्योदय व अस्त के समय को पंचांग से देख आठ भागों में बांट कर समय निकाल लेते हैं जिससे समय निर्धारण में ग़लती होने की संभावना भी नहीं रहती है।
-डॉ मुकेश ओझा
ज्योतिष एवं आध्यात्मिक सलाहकार
Sunday, July 5, 2020
चुनाव
Saturday, July 4, 2020
गुरु पूजन पद्धति
गुरु पूजन पद्धति
|| ॐ श्री गणेशाय: नमः
| ॐ श्री सरस्वत्यै नमः
||ॐ श्री गुरुभ्यो नमः
जय गुरुदेव
ॐश्री गुरुचरणकमलेभ्यो नमः
ध्यानम्🙏
नारायणं पद्मभवं वसिष्ठं शक्तिं च तत्पुत्रपराशरं च।
व्यासं शुकं गौडपदं महान्तं गोविन्दयोगीन्द्रमथास्य शिष्यम्॥
श्री शंकराचार्यमथास्य पद्मपादं च हस्तामलकं च शिष्यम्।
तं त्रोटकं वार्त्तिककारमन्यान् अस्मतगुरून् सन्ततमानतोस्मि॥
श्रुतिस्मृतिपुराणानां आलयं करुणालयं।
नमामि भगवत्पादं शङ्करं लोकशङ्करम्॥
शङ्करं शङ्कराचार्य केशवं बादरायणम्।
सूत्रभाष्यकृतौ वन्दे भगवन्तौ पुनः पुनः॥
|| सदाशिव समारम्भाम् शंकराचार्य मध्यमाम् ।
अस्मद् आचार्य पर्यन्ताम् वंदे गुरु परम्पराम् ||
॥ॐ समस्तजनकल्याणे निरतं करुणामयम् ।
नमामि चिन्मयं देवं सद्गुरुं ब्रह्मविद्वरम् ॥
गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुर्गुरुर्देवो महेश्वरः ।
गुरुरेव परं ब्रह्म तस्मै श्रीगुरवे नमः ॥
Friday, July 3, 2020
आदर्श सरपंच और मुखिया
Tuesday, June 16, 2020
21 जून 2020 सूर्य ग्रहण का फल- स्पर्श- मोक्ष
21 जून 2020
सूर्य ग्रहण काशी मे
स्पर्श - 10बजकर 31मिनट पर
मध्य - 12बजकर 18 मिनट पर
मोक्ष - 2बजकर4 मिनट पर दिन मे।
ग्रहण का सुतक 20 जून 2020 को रात्रि 10बजकर 31 मिनट से लग जाएगा।
#ग्रहण_फल
बारह राशियों के लिये ग्रहण देखने पर क्या फल प्राप्त होगा?
यथा-
मेष- श्रीप्राप्ति
वृष- क्षति
मिथुन - घात
कर्क - हानि
सिंह - लाभ
कन्या - सुख
तुला - माननाश
वृश्चिक - मृत्युतुल्यकष्ट
धनु - स्त्रीपीडा
मकर - सौख्य
कुम्भ - चिंता
मीन - व्यथा
🌺🌼🌺🌼🌺🌼🌺
ग्रहण काल मे सभी लोगों को भगवन नाम संकिर्तन करना चाहिये या किसी मंत्र का जप करना चाहिये।
ग्रहणकाल का समय काशी के अनुसार है। आप अपने स्थान का संसोधन कर सकते हैं।
-डाॅ. मुकेश ओझा
ज्योतिष एवं आध्यात्मिक सलाहकार
Monday, June 1, 2020
नक्षत्रों का शरीर के अंगों पर स्थान
Monday, May 11, 2020
इस आपत्ति काल में परमात्मा कोई चमत्कार क्यों नहीं दिखाता?
Sunday, April 5, 2020
कस्तुरी तिलकम ललाटपटले श्रीकृष्ण स्तुति
Monday, March 23, 2020
सोशल मीडिया में व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें। क्यों?
प्रिय आत्मन!
बन्धुओं!
सोशल मीडिया पर अपने विचार साझा करें। व्यक्तिगत जानकारी जितना गुप्त रख सके उतना उचित है।
व्यक्तिगत जानकारी व्यक्तिगत रूप से प्राप्त करें या साझा करें।
• इससे बहुत सारी व्यक्तिगत जानकारीयाँ सार्वजनिक हो जातीं है।
• जिस जानकारी को किसी भी प्रकार से तोड़-मरोड़कर पेश किया जा सकता है।
• किसी भी जानकारी का स्वरूप बदलकर वह उकसावे वाली बनाई जा सकती है जिसका वास्तविकता से कोई लेना-देना नहीं होता।
• आपकी प्राइवेसी पूर्णत: भंग हो जाती है। जिससे आपको ब्लेकमेल भी किया जा सकता है, या डराया धमकाया जा सकता है।
• फोटो या वीडियो की एडिटिंग करके भ्रम फैला सकते हैं, इस कार्य में मित्रों की व्यक्तिगत टिप्पणीयाँ मदद करतीं हैं।
• सायबर अपराध सोशल मीडिया से जुड़ी सबसे बड़ी समस्या है। आपकी व्यक्तिगत जानकारी के आधार पर आपके नाम से अपराध किया जा सकता है।
#आपका
मुकेश ओझा
Sunday, March 22, 2020
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Saturday, February 8, 2020
गोमेद रत्न धारण करने की विधि और मन्त्र
ॐ कयानश्चित्र आ भुवद्वती सदा वृध: सखा कया शचिंष्ठया वृता।।
राहु का नाम मन्त्र- ॐ राहवे नम:
राहुल का बीज मंत्र- ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नम:
-डॉ मुकेश ओझा
ज्योतिष एवं आध्यात्मिक सलाहकार
8840901948