Thursday, May 16, 2019

हे ईश सब सुखी हों, कोई न हो दुखारी

हे ईश सब सुखी हों, कोई न हो दुखारी।
सब हों निरोग भगवन,धन धान्य के भण्डारी।।
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सब भद्रभाव देखें, सन्मार्ग के पथिक हों।
दुखिया न कोई होवे, सृष्टि में प्राण धारी।।
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सुखी बसे संसार सब, दुखिया रहे न कोय।
यह अभिलाषा हम सब की, भगवान पूरी होय।।
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विद्या बुद्धि तेज बल, सबके भीतर होय।
दूध पूत धन धान्य से, वंचित रहे न कोय।।
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आपकी भक्ति प्रेम से, मन होवे भरपूर
राग द्वेष से चित्त मेरा, कोसों भागे दूर।।
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मिले भरोसा आपका, हमे सदा जगदीश।
आशा तेरे नाम की, बनी रहे मम ईश।।
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पाप से हमें बचाइए, करके दया दयाल
अपना भक्त बनाइके, सबको करो निहाल।।
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दिल में दया उदारता, मन में प्रेम अपार।
हृदय में धारे दीनता, हे मेरे करतार।।
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हाथ जोड़ विनती करूँ, सुनिए कृपा निधान
साधु संगत दीजिए, दया धर्म का दान।।
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हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे।
हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे।।
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हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे।
हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे।।
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🌱🌷🌱🌷🌱🌷मनुर्भव🌷🌱🌷🌱🌷🌱
🙏💐🙏💐 डॉ मुकेश ओझा  💐🙏💐🙏💐

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