Monday, May 6, 2019

विधिलिङ्लकार (आज्ञा या चाहिए अर्थ मे)

ॐ सुरभारत्यै नमः ॥ वन्देमातरम् ॥

      ❁विधिलिङ्लकार-अभ्यास❁

१)सा ग्रामे भवेत् ।
      (उसे गाँव में होना चाहिये।)
२)तौ/भवन्तौ युगपत् भवेताम् ।
      (उन दोनों/आप दोनों को एकसाथ होना चाहिये ।)
३)बालकाः सायं क्रीडाङ्गणे भवेयुः ।
      (बच्चों को शाम के समय खेल के मैदान में होना चाहिये ।)

४)त्वं छायायां भवेः ।
      (तुम्हें छाँव में रहना चाहिये ।)
५)युवाम् अत्रैव भवेतम् ।
      (तुम दोनों को यहीं रहना चाहिये ।)
६)यूयं कार्यालये भवेत ।
      (तुम सबको कार्यालय में होना चाहिये ।)

७)अहं वाटिकायां भवेयम् ।
      (मुझे बगिया में रहना चाहिये ।)
८)आवां तरोः अधः भवेव ।
      (हम दोनों को वृक्ष के नीचे रहना चाहिये ।)
९)वयं मार्गे चलन्तः वामतः भवेम ।
      (हमें सड़क पर चलते हुए बाँयी ओर होना चाहिये ।)

ॐ॥ जयतु संस्कृतम् ॥ॐ॥जयतु भारतम् ॥ॐ

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